बंदर और मगरमच्छ की कहानी | Monkey and Crocodile Story in Hindi with Moral

आज इस ब्लॉग पोस्ट में मैं बंदर और मगरमच्छ की कहानी हिंदी में (monkey and crocodile story in Hindi with moral) लिख रहा हूं। यह कहानी बहुत मजेदार है और यह कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि जीवन में दोस्त कितना महत्वपूर्ण है। तो चलिए बिना कोई देर किये शुरू करते हैं

Monkey and Crocodile Story in Hindi with Moral: एक जंगल के अंदर एक बड़ी नदी थी। उस नदी में एक बड़ा बूढ़ा मगरमच्छ रहता था। मगरमच्छ बूढ़ा होने के कारण वह अच्छे से शिकार नहीं कर पाता था।

एक दिन इस मगरमच्छ को बहुत भूख लगी, तब मगरमच्छ ने सोचा कि वह नदी की मछलियों को खायेगा । तो मगरमच्छ नदी में मछली पकड़ने के लिए उतर गया। लेकिन मगरमच्छ नदी में एक भी मछली नहीं पकड़ सका।

इसलिए वह दुखी होकर नदी के किनारे आया। नदी के किनारे एक जामुन का पेड़ था। मगरमच्छ उदास होकर जामुन पेड़ के नीचे बैठ गया। कुछ देर बाद उसने उस जामुन के पेड़ पर एक बंदर को जामुन खाते हुए देखा। तब मगरमच्छ ने बंदर से कहा, “मुझे बहुत भूख लगी है, क्या तुम मुझे कुछ जामुन फल दे सकते हो?

यह सुनकर बंदर को मगरमच्छ पर बहुत दया हुआ और उसने तुरंत कुछ जामुन फल मगरमच्छ को दिया।मगरमच्छ बंदर के साथ दोस्त बना लिया। बंदर ने कहा , “जब तुम्हें भूख लगेगी तो तुम इस जामुन के पेड़ के नीचे आओगे। मैं तुम्हें हर दिन जामुन फल दूंगा।” यह सुनकर मगरमच्छ बहुत खुश हुआ। मगरमच्छ हर दिन जामुन के पेड़ के नीचे आता था।

बंदर मगरमच्छ को हर दिन जामुन फल देता था। धीरे धीरे मगरमच्छ और बंदर के दोस्ती मजबूत होने लगी .
वे एक दूसरे के साथ खूब मस्ती करते थे. वे दोनों एक साथ खेलते थे। कभी-कभी बंदर मगरमच्छ की पीठ पर चरता था। मगरमच्छ को वे जामुन खाना बहुत पसंद आया।

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तो उसने एक दिन बंदर से कहा, “क्या तुम मुझे कुछ जामुन फल दोगे? मैं इसे अपनी पत्नी के लिए घर ले जाऊंगा।” यह सुनने के बाद बंदर सहमत हो गया और बंदर पेड़ पर चढ़ गया और जामुन फल तोड़कर उसे दिया।

मगरमच्छ जामुन फल लेकर नदी के दूसरी ओर चला गया। जहां मगरमच्छ की पत्नी और मगरमच्छ एक साथ रहते हैं। जामुन फल लेने के बाद उसने जामुन फल अपनी पत्नी को दिया। मगरमच्छ की पत्नी ये जामुन फल पाकर बहुत खुश हुई और उसने मगरमच्छ से पूछा, “उसे ये जामुन फल कहाँ से मिले?” उसने कहा कि नदी के किनारे उसका एक बंदर मित्र है ।

उस मित्र ने मुझे ये जामुन फल दिया । लेकिन मगरमच्छ की पत्नी बहुत लालची थी। तब आपने मगरमच्छ से कहा कि ये जामुन खाने में मीठे हैं! फिर तुम्हारा वह वानर मित्र भी बहुत प्यारा होगा। लेकिन मगरमच्छ की पत्नी ने मगरमच्छ से कहा, “मैं तुम्हारे उस वानर मित्र का जीवन चाहती हूँ।”

तब मगरमच्छ ने अपनी पत्नी से कहा कि, “बंदर मेरा बहुत अच्छा दोस्त है। जब मैं बहुत भूखा होता हूं तो वह बंदर मुझे जामुन फल देता है। और तुम मुझसे बंदर की जान लेने के लिए कह रही हो।” यह सुनकर मगरमच्छ अपनी पत्नी की बात से सहमत नहीं हुआ। तब मगरमच्छ की पत्नी ने जिद की. मगरमच्छ की पत्नी बोली, “मुझे बंदर की जानइ चाहिए?

जब मगरमच्छ ने अपनी पत्नी से यह बात सुनी तो वह निराश होकर बंदर के पास गया। लेकिन मगरमच्छ ने सोचा, “वह बंदर से क्या कहेगा?” इसलिए उसने अपने मन में एक युक्ति बनाई और बंदर के पास गया।

उसने बंदर से कहा कि “आज तुम मेरे घर आओगे । मेरी पत्नी ने तुम्हें हमारे घर चलने के लिए कहा है। यह सुनकर बंदर सहमत हो गया और बहुत खुशी से मगरमच्छ के साथ मगरमच्छ के घर पर चलने लगा। रास्ते में बंदर ने मगरमच्छ से पूछा, “आज तुम्हारे घर में मुझे क्या खाने की इजाजत होगी। तब मगरमच्छ ने कहा कि तुम्हें केला खाने की इजाजत होगी।”

मगरमच्छ की यह बात सुनकर बंदर बहुत खुश हुआ। लेकिन मगरमच्छ को समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे। वह बंदर को अपनी पत्नी के बारे में सच्चाई बताना चाहता था।

और उसने बंदर को अपनी पत्नी की इच्छा के बारे में बताया। मगरमच्छ की यह बात सुनकर बंदर के मन में एक विचार आया। उसने कहा कि “मेरी जान मुझमें नहीं, उस जामुन के पेड़ में है। तो दोस्त तुम मुझे उस पेड़ के पास ले चलो।”

मगरमच्छ को बंदर की बात सच लगी और मगरमच्छ ने सोचा कि बंदर का जीवन पेड़ में ही होगा। तो मगरमच्छ बंदर को नदी के किनारे जामुन पेड़ के पास ले गया। बंदर जामुन के पेड़ के पास आया और तुरंत पेड़ पर चढ़ गया और बोला, “मगरमच्छ मैंने तुम्हें अपना दोस्त बनाया है और तुम मेरी जान ले लोगे।”

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जब तुम भूखे थे तो मैं तुम्हें जामुन फल देता था। अब तुम मुझे मारकर मेरी जान लेना चाहते हो? तब बंदर ने गुस्से में मगरमच्छ को भगा दिया और कहा कि वह फिर कभी तुमसे दोस्ती नहीं करेगा। यह सुनकर मगरमच्छ ने उदास होकर आपने घर चला गया।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है – अगर कोई एक अच्छा दोस्त है और एक दोस्त दूसरे दोस्त को फायदा पहुंचाता है तो दोस्ती को महत्व देना चाहिए और दोस्ती के रिश्ते का सम्मान करना चाहिए।

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