अकबर बीरबल की कहानियों | Akbar Birbal Story in Hindi with Moral

आज मैंने अपने इस ब्लॉग पोस्ट में अकबर बीरबल की कहानियों(Akbar Birbal story in Hindi with moral) लिखी है। अकबर बीरबल की कई तरह की कहानियाँ हैं। मैंने यहां केवल अकबर बीरबल की 3 कहानियों लिखी है। ये कहानी बेहद दिलचस्प है। तो चलिए कहानी शुरू करते हैं

Akbar Birbal Story in Hindi with Moral: एक दिन राजा अकबर का दरबार चल रहा था।उस दरबार में राजा अकबर के सिपाही और बीरबल उपस्थित थे। लेकिन अचानक राजा अकबर की अंगूठी खो गयी.

अंगूठी खो जाने पर राजा अकबर बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने अपने दरबार में मौजूद सैनिकों को अंगूठी ढूंढने का आदेश दिया। राजा अकबर के सिपाहियों ने पूरे दरबार में अंगूठी की तलाश की।

लेकिन राजा अकबर की अंगूठी कहीं नहीं मिली। दरबार के सिपाहियों ने राजा को बताया कि उन्हें अंगूठी कहीं नहीं मिली। सैनिकों की यह बात सुनकर राजा अकबर बहुत क्रोधित हुए।

राजा अकबर की अंगूठी न पाकर अकबर को बहुत दुख हुआ। बीरबल उस दरबार में उपस्थित थे।

राजा अकबर ने बीरबल से कहा कि “उनकी अंगूठी उनके पिता ने उन्हें दी थी और यह उनके पिता की पसंदीदा अंगूठी थी।” तब बीरबल ने राजा के इस दुःख के बारे में सुना और उन्हें चिंता करने से मना किया। बीरबल ने कहा, “बादशाह, आप चिंता न करें, मैं आपकी खोई हुई अंगूठी ढूंढ दूंगा।”

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तब बीरबल ने दरबार में उपस्थित सभी लोगों की ओर देखा और राजा से कहा कि, “आपकी यह अंगूठी आपके दरबार के किसी व्यक्ति ने चुरा ली है। बीरबल की यह बात सुनकर राजा अकबर चौंक गए।

बीरबल ने कहा- “मैं आपको सच बता रहा हूँ. आपकी यह अंगूठी आपके दरबार में मौजूद एक व्यक्ति ने चुरा ली है।” तब राजा अकबर ने बीरबल से पूछा- “तो फिर उनकी यह अंगूठी कैसे मिल सकती है?” या फिर चोरी करने वाले को कैसे ढूंढा जाए? तब बीरबल ने कहा कि यह अंगूठी तो उसी के पास है जिसकी दाढ़ी में ठूंठ है।

तभी एक आदमी जो राजा अकबर के दरबार के उस तरफ था जहां से अंगूठी खो गई थी, यह सुनकर चौंक गया और अपनी दाढ़ी की तरफ देखने लगा। बीरबल दरबार में खड़े सभी लोगों की हरकतों और व्यवहार को देख रहे थे।

तभी बीरबल ने देखा कि दरबार में वह व्यक्ति अलग व्यवहार कर रहा है। उसे देखकर बीरबल ने राजा अकबर से कहा कि – “इस व्यक्ति ने आपकी अंगूठी चुरा ली है। आपको इसकी जांच करनी चाहिए।”

बीरबल की यह बात सुनकर अकबर ने तुरंत उसे जांच करने का आदेश दिया और राजा अकबर को उस व्यक्ति से उसकी अंगूठी मिल गई।

राजा अकबर ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल में डालने का आदेश दिया। यह अंगूठी पाकर अकबर बहुत खुश हुए और उन्होंने बीरबल को धन्यवाद दिया।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर कोई व्यक्ति कोई गलत काम करता है तो उस व्यक्ति से हमेशा डर बना रहता है और उसे आसानी से पहचाना जा सकता है। इसलिए कभी भी किसी भी समय गलत कार्य न करें। एक ईमानदार व्यक्ति बनें. हर कोई ईमानदार लोगों से प्यार करता है

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Akbar Birbal Story in Hindi with Moral: एक दिन राजा अकबर का दरबार चल रहा था। तभी राजा अकबर के दरबार में दो महिलाएं उपस्थित हुईं थी। वे दोनों एक दूसरे से बहुत  झगड़ा कर रहे थे और उनके साथ एक बच्चा भी था। तब राजा अकबर ने उन दोनों महिलाओ को  पूछा कि तुम लोग झगड़ा क्यों कर रहे हो?

तब पहली महिला कहती है कि मुझे इस बच्चे की मां का अधिकार देना होगा। तब दूसरी महिला कहती है कि यह बच्चा मेरा है। मैं इस बच्चे की मां हूं।  मुझे यह बच्चा देना होगा। तब दो महिलाओं से एक ही बात सुनकर राजा अकबर बहुत परेशानी में पड़ गए थे। तब राजा अकबर को कुछ समझ नहीं आ रहा था किया करे ।

अकबर अपने बगल में बैठे बीरबल से कहते हैं कि बीरबल तुम इन दोनों महिलाओं की समस्या का समाधान करो। बगल में बैठा बीरबल उन दोनों महिलाओं की सारी बातें सुन रहा था। तभी बीरबल के दिमाग में एक विचार आया। उन्होंने राजा अकबर से कहा कि राजा महाशय, आप अपने जल्लाद को इस दरबार में बुलाओ।

तब राजा अकबर ने एक जल्लाद को अपने शाही दरबार में आने का आदेश दिया। जल्लाद के आने के बाद बीरबल ने जल्लाद को एक तलवार दी और बीरबल ने कहा कि तुम इस तलवार से इस बच्चे को आधा काट दो।

फिर तुम इस टुकड़े शरीर को इन दोनों महिला को दे दो । बीरबल की यह बात सुनकर पहली महिला बोली कि ठीक है।इस बच्चे की माँ का अधिकार केवल मेरी  है, इसलिए बच्चे को दो टुकड़ों कर दो, एक टुकड़ा मुझे दे दो।

लेकिन दूसरी महिला बीरबल की बात सुनकर रोने लगी और तुरंत राजा अकबर के पैरों से लिपट गई और रोने लगी। महिला ने कहा कि मुझे इस बच्चे की जरूरत नहीं है। यह बच्चा उस औरत को दे दीजिये । बीरबल दोनों  महिलाओं की बातें सुन रहे थे।

तब बीरबल ने राजा अकबर से कहा कि महाराज महाशय मैंने आपकी समस्या का समाधान ढूंढ लिया है। तब राजा अकबर ने बीरबल से पूछा कि तुम्हें इस समस्या का समाधान कैसे मिला? बीरबल कहते हैं राजा महाशय अगर बच्चे की मां असली है तो वह कभी भी अपने बच्चे को नहीं मार सकते इसलिए दूसरी महिला ही इस बच्चे की असली मां है। आप यह बच्चा इस महिला को दे दीजिये।

तब राजा अकबर को बात अच्छी तरह से समझ में आ गई। और राजा अकबर ने तुरंत उस बच्चे को उसकी असली माँ को दे दिया। पहली महिला राजा अकबर को झूठ बोलने के लिए  राजा अकबर कड़ी सजा दी और उसे एक साल के लिए कैद करने का आदेश दिया।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? इस कहानी से हमें यह सीख मिली कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो, हमें हमेशा सच बोलना चाहिए। लोगों को कभी भी लालच के कारण झूठ नहीं बोलना चाहिए।। इससे आपको ही नुकसान होता है और झूठ बोलने वाले लोगों को कोई भी पसंद नहीं करता है ।

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Akbar Birbal Story in Hindi with Moral: राजा अकबर के गाँव में एक किसान रहता था। वह प्रतिदिन जमीन पर खेती करता था लेकिन किसान के पास जमीन की सिंचाई की कोई व्यवस्था नहीं थी।

तो किसान ने एक दिन सोचा, “अगर मैं एक कुआँ खरीद सकता हूँ तो मैं बहुत आसानी से ज़मीन की सिंचाई कर सकता हूँ और खेती करने में कोई कठिनाई नहीं होगी।”

इसलिए एक दिन उसने एक कुआँ खरीदने का फैसला किया और उसने एक कुआँ बेचने वाले से एक कुआँ खरीद लिया। अगले दिन जब किसान खेती करने के लिए कुएँ से पानी निकालने के लिए बाल्टी कुएँ में डालने ही वाला था, तो कुआँ बेचने वाले आदमी ने तुरंत किसान को कुएँ में बाल्टी डालने से रोक दिया था । उस आदमी ने किसान को कहा, “मैंने तुम्हें कुआँ बेचा है, कुएँ का पानी नहीं ।”

इसलिए आप कुएं से पानी नहीं निकाल पाओगे । यह सुनकर किसान को बहुत दुख हुआ और उसने सोचा कि इस कुएं वाले ने उसे धोखा दिया है। तो किसान को समाजमे नहीं आ रहा है कि वह क्या करे और किसान तुरंत राजा अकबर के दरबार में चला गया । किसान ने राजा अकबर को कुएं बेचने वाले के बारे में सारी बात बता दी।

किसान की बात सुनकर राजा अकबर ने बीरबल को इस समस्या का समाधान करने का काम सौंपा। तब बीरबल किसान को साथ लेकर कुएँ वाले के पास गये। कुएं बेचने वाले ने बीरबल से एक ही बात कहा कि “मैंने इस किसान को कुआं बेचा है, कुएं का पानी नहीं। इसलिए यह किसान कुएं का पानी इस्तेमाल नहीं कर पायेगा ।

बीरबल ने कहा कुएं का मालिक यह किसान है और पानी का मालिक आप हैं। इसलिये तुम्हें अभी इसिबक्त कुएँ से पानी निकलना चाहिये। अन्यथा किसान को पानी का मासिक किराया देना पड़ेगा । यह सुनकर कुएँ वाले को एहसास हुआ कि उसने बहुत बड़ी गलती कर दी किशन के साथ ।

तो कुएँ वाले ने तुरंत बीरबल के पैर पकड़ कर माफी मांगी और कहा कि वह भविष्य में कभी भी किसी के साथ ऐसा कुछ नहीं करेगा। बीरबल की इस निष्पक्ष सुनवाई से किसान बहुत खुश हुआ और किसान ने बीरबल को धन्यवाद दिया और बहुत खुशी खुशी से घर लौट गया ।

इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है? इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी किसी को धोखा नहीं देना चाहिए। किसी को धोखा देना बुरा कार्य या अधर्म कहा जाता है। इसलिए हमेशा एक अच्छा इंसान बनने का प्रयास करें

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