Lion and Mouse Short Story in Hindi with Moral: हम बचपन में अपने दादा-दादी से कई कहानियाँ सुनते थे। कई लड़के और लड़कियाँ आज भी अपने दादा-दादी से कहानियाँ सुनते हैं। ऐसी ही एक कहानी मैंने आज अपने ब्लॉग पोस्ट में लिखी है.यह कहानी- शेर और चूहे की लघु कहानी हैं।यह कहानी बहुत दिलचस्प है और इस कहानी से हमें नैतिक शिक्षा भी मिलेगी। तो चलिए इस शेर और चूहे की लघु कहानी को शुरू करते हैं
एक समय की बात है, एक जंगल में एक शेर रहता था। शेर बहुत खूंखार और ताकतवर था. इस शेर को देखकर जंगल के अन्य जानवर बहुत डरता था । जिस गुफा में शेर रहता था वहां के अन्य जानवर भी डर के मारे उस गुफा के पास नहीं जाते थे।
यहां तक कि जब शेर अपनी गुफा के अंदर सोया करता था तो गुफा के आसपास कोई अन्य जानवर नजर नहीं आता था ।
लेकिन इस जंगल में एक छोटा सा चूहा था। वह यह जानने को बहुत उत्सुक था कि शेर की गुफा के लेकर।
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तो एक दिन यह छोटा चूहा डर के मारे गुफा में घुस गया। लेकिन उसे वहां शेर को नहीं दिख पाया . चूहे ने देखा गुफा में एकांत अंधकार है।
जब भी चूहे ने गुफा के अंदर शेर के बड़े पैरों के निशान देखे तो वह तुरंत घबरा गया। चूहे ने सोचा कि शायद शेर कहीं चला गया है और गुफा में नहीं है। लेकिन अगर अब शेर आएगा तो मुझे देख कर मुझ पर हमला कर देगा, इसलिए मैं यहां से निकल जाता हूं। यह सोचते-सोचते उसने सिंह की पदचाप सुनी और घबरा गया।
शेर को देखकर वह एक गुप्त स्थान पर छिप गया।
शेर गुफा में घुस गया और गुफा के द्वार के पास अपना सिर रखकर लेट गया। लेकिन शेर को चूहा नजर नहीं आया.
अब चूहे ने सोचा कि शेर राजा सो गया है, इसलिए अब धीरे-धीरे गुफा से बाहर निकलने का प्रयास करें। लेकिन जब चूहा गुफा से बाहर आने का कोशिस की चूहे का शरीर शेर के शरीर से छू गया। और स्पर्श होते ही सिंह दहाड़ने लगा। चूहे ने सोचा कि इस बार शेर उसे खा सकता है।
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तुरंत उसने जीवन की भीख मांगी और चूहे ने कहा, “मैं तुम्हारी गुफा में कभी नहीं आऊंगा। मैंने गलती की है। मुझे अकेला छोड़ दो। भविष्य में जब तुम्हारा बुरा समय आएगा तो मैं तुम्हारी मदद करूंगा।”
चूहे की या बात सुनकर शेर हंसने लगा और कहने लगा कि तुम तो छोटे चूहे हो, तुम मेरे जीवन में मेरी मदद करोगे।
हालाँकि, शेर ने चूहे को छोड़ दिया। चूहा ख़ुशी से भाग गया।
ऐसे ही कई दिन बीत गए. अचानक एक दिन शेर बहुत खतरे में पड़ गया थे । एक शिकारी ने शेर का शिकार करने के लिए जंगल में जाल बिछाया। जंगल में जाते समय शेर जाल में फंस गया और शेर जाल से निकलने की बहुत कोशिश कर रहा था। लेकिन जाल से बाहर नहीं निकल पा रहा था। शेर क्रोध से दहाड़ा। उसकी भयानक दहाड़ की आवाज जंगल के अन्य जानवरों ने सुनी।
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और चूहे ने भी यह आवाज़ सुना । शेर की दहाड़ सुनते ही चूहे ने सोचा कि यह शेर की दहाड़ है और शेर किसी बड़े खतरे में होगा। यह सोचकर वह दौड़ के शेर के पास चला गया।
वह शेर के पास पहुंचा और देखा कि शिकारियों के एक समूह ने शेर को जाल से बांध दिया है। फिर चूहा शेर के पास आया और शेर राजा से कहा कि आप चिंता न करें, मैं आपको अभी जाल से मुक्त कर रहा हूं। फिर छोटे चूहे ने तुरंत अपने छोटे-छोटे दांतों से जाल के धागों को काटना शुरू कर दिया और शेर को जाल से मुक्त कर दिया।
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चूहे ने बचाई शेर की जान. तब चूहे ने शेर से कहा कि मैंने तुमसे बहुत पहले कहा था कि मैं तुम्हारे बुरे समय में तुम्हारी मदद करूंगा। उन पुराने दिनों की बातें याद आ रही हैं। चूहे की ये बातें सुनकर शेर सोचने लगा और उसने कहा- हां मुझे याद है कि तुमने ये बातें मुझसे कही थीं और आज मैं तुम्हारे लिए जान से बांच गयी । इसलिए अब से तुम ही मेरे दोस्त हो। शेर और चूहा दोनों खुशी-खुशी जंगल में चले गये।
इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि कभी भी किसी की उपेक्षा और अपमान नहीं करना चाहिए। हर इंसान बराबर होती है। और जब कोई इंसान खतरे में रहते है तो उनकी मदद करनी चाहिए।